2018 के पहले चंद्र ग्रहण के बारे में जानें सबकुछ...
क्योंकि वो अमृत पी चुका था इसीलिए वह मरा नहीं. उसका सिर और धड़ राहु और केतु नाम के ग्रह पर गिरकर स्थापित हो गए. ऐसी मान्यता है कि इसी घटना के कारण सुर्य और चंद्रमा को ग्रहण लगता है, इसी वजह से उनकी चमक कुछ देर के लिए चली जाती है. वहीं, इसके साथ यह भी माना जाता है कि जिन लोगों की राशि में सुर्य और चंद्रमा मौजूद होते हैं उनके लिए यह ग्रहण बुरा प्रभाव डालता है!!
खास बातें
2. पूर्ण चंद्रग्रहण 77 मिनट तक रहेगा..
3. साल 2018 में पांच ग्रहण होंगे..
नई दिल्ली: 31 जनवरी को साल 2018 का पहला चंद्रग्रहण होगा. इस साल पांच ग्रहण होंगे, जिसमें से 3 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण हैं. पहला चंद्रग्रहण 31 जनवरी को है. यह पूर्ण चंद्रग्रहण 77 मिनट तक रहेगा. इसका समय शाम 5.58 मिनट पर शुरू हो रहा है जो रात 8.41 तक चलेगा. ज्योतिषों और पंडितों के अनुसार यह माना जाता है कि इस कुछ काम नहीं करने चाहिए. आज यहां आपको पूरी लिस्ट दी जा रही है इस दिन क्या करें और क्या नहीं. लेकिन उससे पहले यहां समझे कि ग्रहण क्या होता है खासकर चंद्र ग्रहण और कैसे हुई..
क्या है चंद ग्रहण?
जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है तब वह चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों को रोकती है और उसमें अपनी छाया बनाती है. इस घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है. इसे ब्लड मून भी कहा जाता है!
क्या होता है ग्रहण?
एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार समुद्र मंथन के दौरान असुरों और दानवों के बीच अमृत के लिए घमासान चल रहा था. इस मंथन में अमृत देवताओं को मिला लेकिन असुरों ने उसे छीन लिया. अमृत को वापस लाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी नाम की सुंदर कन्या का रूप धारण किया और असुरों से अमृत ले लिया. जब वह उस अमृत को लेकर देवताओं के पास पहुंचे और उन्हें पिलाने लगे तो राहु नामक असुर भी देवताओं के बीच जाकर अमृत पिने के लिए बैठ गया. जैसे ही वो अमृत पीकर हटा, भगवान सूर्य और चंद्रमा को भनक हो गई कि वह असुर है. तुरंत उससे अमृत छिना गया और विष्णु जी ने अपने सुदर्शन चक्र से उसकी गर्दन धड़ से अलग कर दी!!
वहीं, विज्ञान के अनुसार यह एक प्रकार की खगोलीय स्थिति है. जिनमें चंद्रमा, पृथ्वी और पृथ्वी तीनों एक ही सीधी रेखा में आ जाते हैं. इससे चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया से होकर गुजरता है, जिस वजह से उसकी रोशनी फिकी पड़ जाती है!!
क्या ना करें.......
1. ग्रहण के वक्त खुले आकाश में ना निकलें, खासकर प्रेग्नेंट महिलाएं, बुजुर्ग, रोगी और बच्चे......
2. ऐसा कहा जाता है कि ग्रहण से पहले या बाद में ही खाना खाएं......
3. किसी भी तरह का शुभ कार्य ना करें और पूजा भी ना करें. इसी वजह से ग्रहण के दौरान मंदिर के द्वार भी बंद कर दिए जाते हैं..........
क्या करें
1. दान करें. दान में आटा, चावल, चीनी, दाल आदि दें.
2. ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए दुर्गा चालीसा या श्रीमदभागवत गीता आदि का पाठ भी करें.
3. जो लोग साढ़े-साती से परेशान हो तो शनि मंत्र का जाप करें या फिर हनुमान चालीसा पढ़ें.
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